मुंबई की पहचान कही जाने वाली लोकल ट्रेनों में सफर करना अब एक जानलेवा चुनौती बनता जा रहा है। सोमवार सुबह दिवा और मुंब्रा स्टेशन के बीच एक दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर यात्रियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। भीड़भाड़ के कारण चलती लोकल ट्रेन से गिरने से कम से कम चार यात्रियों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल बताए जा रहे हैं। इस हृदय विदारक घटना के बाद भारतीय रेलवे ने लोकल ट्रेनों में ऑटोमैटिक डोर (स्वचालित दरवाजे) लगाने का बड़ा ऐलान किया है।
क्या हुआ सोमवार सुबह?
सोमवार, 9 जून 2025 की सुबह लगभग 9 बजे, कसारा से छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) की ओर जा रही एक खचाखच भरी लोकल ट्रेन जब दिवा और मुंब्रा स्टेशनों के बीच से गुजर रही थी, तभी यह भीषण हादसा हुआ। जानकारी के अनुसार, ट्रेन में अत्यधिक भीड़ होने के कारण कई यात्री दरवाजों पर लटककर यात्रा कर रहे थे। इसी दौरान, डाउन/फास्ट लाइन पर जा रही कसारा लोकल और एक दूसरी ट्रेन के दरवाजे पर खड़े यात्रियों के बैग आपस में टकरा गए। इस टक्कर से करीब 10 यात्री चलती ट्रेन से नीचे गिर गए।

घटना की सूचना तुरंत कसारा जा रही ट्रेन के गार्ड ने रेलवे अधिकारियों को दी। मौके पर रेलवे प्रशासन और पुलिस दल तुरंत पहुंचे। घायलों को पास के अस्पतालों में ले जाया गया, जहां चार यात्रियों को मृत घोषित कर दिया गया। मृतकों की पहचान केतन सरोज, राहुल गुप्ता, मयूर शाह और ठाणे सरकारी रेलवे पुलिस (GRP) के कॉन्स्टेबल विक्की मुखियाद के रूप में हुई है। सभी मृतक 30 से 35 वर्ष की आयु के बताए जा रहे हैं।
सुरक्षा पर उठे सवाल और रेलवे का बड़ा फैसला:
यह हादसा मुंबई की लोकल ट्रेनों में बढ़ती भीड़ और यात्रियों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर चिंता का विषय बन गया है। मुंबई लोकल को शहर की ‘लाइफलाइन’ कहा जाता है, लेकिन अक्सर व्यस्त घंटों में यहां जान हथेली पर रखकर सफर करना पड़ता है।
हादसे के तुरंत बाद, यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे बोर्ड ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। रेलवे ने फैसला किया है कि अब मुंबई उपनगरीय नेटवर्क के लिए बनने वाले सभी नए लोकल डिब्बों में ऑटोमैटिक डोर क्लोजर (स्वचालित दरवाजे बंद करने की सुविधा) होगी। इसके अलावा, वर्तमान में चल रही पुरानी ट्रेनों में भी ऐसे दरवाजे लगाने के लिए रेट्रोफिटमेंट किया जाएगा। यह कदम हादसों को रोकने और यात्रियों को ट्रेन से गिरने से बचाने में मदद करेगा।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और जांच की मांग:
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि ये मौतें लोकल ट्रेन में भीड़भाड़ और यात्रियों की सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता को उजागर करती हैं। उन्होंने मामले में सख्त कार्रवाई की भी बात कही। वहीं, ठाणे से शिवसेना के लोकसभा सांसद नरेश म्हास्के ने यात्रियों की मौत की विस्तृत जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह पता लगाया जाना चाहिए कि यात्री कैसे गिरे और क्या भीड़, धक्का-मुक्की या किसी झगड़े का इसमें कोई योगदान था।
यह हादसा मुंबई की परिवहन व्यवस्था की एक गंभीर समस्या को उजागर करता है, जहां हर दिन लाखों लोग अपनी जान जोखिम में डालकर सफर करते हैं। रेलवे का नया फैसला निश्चित रूप से एक सकारात्मक कदम है, लेकिन देखना होगा कि इसे कितनी तेजी और प्रभावी ढंग से लागू किया जाता है ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं को रोका जा सके।