IIT का सपना छोड़ चुनी एक्टिंग, नाना पाटेकर की पत्नी नीलाकांति पाटेकर की अनसुनी कहानी!

Naresh Bishnoi
Naresh Bishnoi
Published on: 24 May 2025
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आप नाना पाटेकर को तो जानते ही होंगे, मराठी और बॉलीवुड के उन चुनिंदा कलाकारों में से एक जो अपनी एक्टिंग से आज भी लोगों के दिलों पर राज करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनकी पत्नी नीलाकांति पाटेकर भी उनसे किसी भी मामले में कम टैलेंटेड नहीं हैं? हाल ही में उन्हें विक्की कौशल और रश्मिका मंदाना की फिल्म ‘छावा’ में देखा गया, जहां उन्होंने ‘धराऊ’ का दमदार किरदार निभाया. मगर उनकी कहानी इससे कहीं ज्यादा दिलचस्प है!

IIT ठुकरा कर बनीं एक्ट्रेस: एक अनूठा सफर

नीलाकांति पाटेकर का जन्म पुणे, महाराष्ट्र में हुआ. उनके पिता सेंट्रल एक्साइज में थे, जिसके चलते उनका बचपन देश के अलग-अलग शहरों में बीता. फिजिक्स में ग्रेजुएशन करने के बाद, पिता के कहने पर उन्होंने IIT एंट्रेंस एग्जाम दिया और उसे क्रैक भी कर लिया! सोचिए, IIT में दाखिला मिलने के बाद भी उन्होंने उस राह को छोड़ दिया और एक्टिंग में करियर बनाने का फैसला लिया. उनका सच्चा प्यार थिएटर में मिला, जहां उन्होंने मराठी रंगमंच से शुरुआत की.

साल 1973 की महाराष्ट्र राज्य नाटक प्रतियोगिता में उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का स्वर्ण पदक मिला. उनकी पहली मराठी फिल्म ‘आत्मविश्वास’ के लिए भी उन्हें पुरस्कार से नवाजा गया, जो बताता है कि उनका फैसला गलत नहीं था.

थिएटर में मिली प्रेम कहानी और कमबैक का धमाल

नाना पाटेकर और नीलाकांति की पहली मुलाकात भी थिएटर में ही एक नाटक के दौरान हुई थी. यहीं से उनकी प्रेम कहानी शुरू हुई और 1978 में दोनों शादी के बंधन में बंध गए. नीलाकांति ने लंबे समय तक सिनेमा से दूरी बनाए रखी, लेकिन 27 साल बाद साल 2016 में उन्होंने मराठी फिल्म ‘बर्नी’ से शानदार वापसी की.

हाल ही में उन्हें ‘छावा’ में संभाजी महाराज की दाई ‘धराऊ’ के रोल में देखा गया, जहां उन्होंने अपने संजीदा अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लिया. उनका ये कमबैक वाकई बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुआ!

निजी जिंदगी के कुछ अनछुए पहलू

नीलाकांति को 1989 में सचिन पिलगांवकर की फिल्म ‘आत्मविश्वास’ के लिए महाराष्ट्र राज्य सरकार की ओर से बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड भी मिला था. हालांकि, नाना और नीलाकांति अलग-अलग रहते हैं, लेकिन उनका आज तक तलाक नहीं हुआ है. उनके बेटे का नाम मल्हार है. मल्हार से पहले उनके एक बड़े बेटे का जन्म हुआ था, जिसकी कुछ समय बाद दुखद मृत्यु हो गई थी.

नीलाकांति पाटेकर की कहानी हमें दिखाती है कि कैसे जुनून और प्रतिभा आपको किसी भी क्षेत्र में सफलता दिला सकती है, भले ही आपने सबसे मुश्किल रास्ते को छोड़ कर ही क्यों न चुना हो. उनकी सादगी और प्रतिभा आज भी प्रेरणा देती है.

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